Shiv JI Ki Aarti Lyrics in Hindi शिव आरती

आइए शिव आरती के बारे में जानें, जो भगवान शिव को समर्पित एक विशेष हिंदू अनुष्ठान है। यह मंत्रोच्चार और प्रसाद से भरा एक सुंदर समारोह है जो लोगों को परमात्मा से जोड़ता है। इस लेख में, हम बताएंगे कि अनुष्ठान के बारे में और यह महत्वपूर्ण क्यों है। चाहे आप पहले से ही इससे परिचित हों या सिर्फ उत्सुक हों, आइए, साथ मिलकर शिव आरती में भक्ति की शक्ति के बारे में जानें।

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शिव आरती

ॐ जय शिव ओंकारा स्वामी जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा ॥

एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा ॥

दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे ।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा ॥

अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा ॥

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा ॥

कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा ॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा ॥

काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा ॥

त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा ॥


शिव आरती का यह लेख हम यही समाप्त करते है, यह अनुष्ठान हमें भगवान शिव और आध्यात्मिकता से कैसे जोड़ता है। मंत्रों से लेकर प्रसाद तक, प्रत्येक भाग का अपना अर्थ और महत्व होता है। आइए शिव आरती की भावना को अपने दिलों में जीवित रखें, जो हमें विश्वास और आंतरिक शांति की अधिक गहन समझ की ओर मार्गदर्शन करती है।

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शिव आरती क्या है?

शिव आरती एक हिंदू अनुष्ठानिक पूजा गीत है जो भगवान शिव की स्तुति और आशीर्वाद पाने के लिए किया जाता है।

भगवान शिव की पूजा से लाभ एवं महत्व।

भगवान शिव की पूजा करने से आध्यात्मिक ज्ञान, आंतरिक शांति, सुरक्षा और प्रयासों में सफलता मिलती है, साथ ही जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति भी मिलती है।